1999 में यही वो वक्त था जब इंडियन एयरलाइन्स का एक प्लेन नेपाल से हाईजैक कर लिया गया था। आतंकी इसे काठमांडू से अमृतसर और लाहौर के बाद अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे। वहां 178 पैसेंजर्स की सेफ रिहाई के बदले आतंकियों ने मौलाना मसूद अजहर समेत 3 आतंकियों की रिहाई की शर्त रखी थी। इन आतंकियों को छोड़ने के लिए भारत से स्पेशल प्लेन भेजा गया था। एक हफ्ते तक बंधक रखा, पांच देशों के लगाए चक्कर…
– 24 दिसंबर, 1999 को पांच हथियारबंद आतंकवादियों ने 178 पैसेंजरों के साथ इंडियन एयरलाइन्स के आईसी-814 प्लेन को काठमांडू से हाईजैक कर लिया था।
– इसके बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने प्लेन में गोली की आवाज सुने जाने का दावा किया।
– इसके बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने प्लेन में गोली की आवाज सुने जाने का दावा किया।
– करीब एक हफ्ते ये प्लेन आतंकियों के कब्जे में रहा और इस दौरान करीब पांच देशों के चक्कर लगाए।
– फ्यूल भरवाने के लिए हाईजैकर्स ने सबसे पहले लाहौर एयरपोर्ट का रूख किया, लेकिन अथॉरिटी ने एयरक्राफ्ट को लैडिंग के लिए परमिशन देने से इनकार कर दिया।
– इसके बाद प्लेन को अमृतसर में उतारा गया, लेकिन कुछ दिक्कतों के चलते फ्यूल नहीं भरा जा सका। इस दौरान एयरपोर्ट को सील रखा गया।
लाहौर में भरा गया फ्यूल
– 25 मिनट के इंतजार के बाद हाईजैकर्स ने पैसेंजर रूपिन कात्याल की हत्या कर दी और दोबारा लाहौर की ओर बढ़ गए।
– भारत ने पाकिस्तान अथॉरिटी को एयरक्राफ्ट की लैंडिग के लिए मंजूरी देने के लिए कहा।
– पाकिस्तानी कमांडो से घिरे लाहौर एयरपोर्ट को सील कर दिया गया और प्लेन की लैंडिग हुई। यहां प्लेन में फ्यूल डाला गया।
– यहां से प्लेन ने काबुल के लिए उड़ान भरी, लेकिन काबुल और कंधार में रात के वक्त लाइट्स का सही इंतजाम न होने के चलते इसे दुबई डायवर्ट कर दिया गया।
– 25 मिनट के इंतजार के बाद हाईजैकर्स ने पैसेंजर रूपिन कात्याल की हत्या कर दी और दोबारा लाहौर की ओर बढ़ गए।
– भारत ने पाकिस्तान अथॉरिटी को एयरक्राफ्ट की लैंडिग के लिए मंजूरी देने के लिए कहा।
– पाकिस्तानी कमांडो से घिरे लाहौर एयरपोर्ट को सील कर दिया गया और प्लेन की लैंडिग हुई। यहां प्लेन में फ्यूल डाला गया।
– यहां से प्लेन ने काबुल के लिए उड़ान भरी, लेकिन काबुल और कंधार में रात के वक्त लाइट्स का सही इंतजाम न होने के चलते इसे दुबई डायवर्ट कर दिया गया।
दुबई में 25 यात्रियों की रिहाई
– दुबई के अल-मिन्हत एयरफोर्स बेस में इसकी लैंडिंग हुई। यहां हाईजैकर्स ने खाने और दवाइयों की डिमांड की।
– यूएई के अधिकारी महिलाओं और बच्चों को प्लेन से उतारने की मंजूरी मिलने के बाद बातचीत के राजी हुए।
– हाईजैकर्स ने 25 यात्रियों को रिहा किया और रूपिन कात्याल का शव यूएई अथॉरिटी को सौंपा।
– दुबई के अल-मिन्हत एयरफोर्स बेस में इसकी लैंडिंग हुई। यहां हाईजैकर्स ने खाने और दवाइयों की डिमांड की।
– यूएई के अधिकारी महिलाओं और बच्चों को प्लेन से उतारने की मंजूरी मिलने के बाद बातचीत के राजी हुए।
– हाईजैकर्स ने 25 यात्रियों को रिहा किया और रूपिन कात्याल का शव यूएई अथॉरिटी को सौंपा।
फिर कंधार में उतारा प्लेन
– 25 दिसंबर 1999 की सुबह प्लेन ने दुबई से अफगानिस्तान के लिए उड़ान भरी और कंधार में लैंडिग की।
– इसके बाद भारतीय अधिकारियों ने पैसेंजर्स की रिहाई के लिए हाईजैकर्स के साथ बातचीत शुरू की।
– हाईजैकर्स ने मौलाना मसूद अजहर के अलावा जेल में बंद 35 आतंकियों को छोड़ने और 20 करोड़ डॉलर की फिरौती की मांग की।
– बाद में हाईजैकर्स ने फिरौती की मांग छोड़ दी और तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया।
– 25 दिसंबर 1999 की सुबह प्लेन ने दुबई से अफगानिस्तान के लिए उड़ान भरी और कंधार में लैंडिग की।
– इसके बाद भारतीय अधिकारियों ने पैसेंजर्स की रिहाई के लिए हाईजैकर्स के साथ बातचीत शुरू की।
– हाईजैकर्स ने मौलाना मसूद अजहर के अलावा जेल में बंद 35 आतंकियों को छोड़ने और 20 करोड़ डॉलर की फिरौती की मांग की।
– बाद में हाईजैकर्स ने फिरौती की मांग छोड़ दी और तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया।
पैसेंजर्स के बदले तीन आतंकियों की रिहाई
– उस वक्त की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पैसेंजरों की जान बचाने के लिए तीनों आतंकियों को छोड़ने का फैसला किया।
– भारत की जेलों में बंद आतंकी मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को कंधार ले जाया गया था।
– इसके बाद 31 दिसंबर को पैसेंजर्स की रिहाई हुई, जिन्हें स्पेशल प्लेन से वापस लाया गया।
– इसी मसूद अजहर ने 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद बनाया था।
– उस वक्त की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पैसेंजरों की जान बचाने के लिए तीनों आतंकियों को छोड़ने का फैसला किया।
– भारत की जेलों में बंद आतंकी मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को कंधार ले जाया गया था।
– इसके बाद 31 दिसंबर को पैसेंजर्स की रिहाई हुई, जिन्हें स्पेशल प्लेन से वापस लाया गया।
– इसी मसूद अजहर ने 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद बनाया था।
रिहाई के बाद अजहर ने क्या किया?
– रिहाई के बाद अजहर तालिबान की मदद से अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान पहुंचा। उसने कश्मीर में इंडियन फोर्स से लड़ने के लिए जैश-ए-मोहम्मद बनाया।
– यह भी आरोप लगता रहा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई जैश के आकाओं की मदद करती है।
– 2001 में पार्लियामेंट में हुए आतंकी हमले में अजहर प्राइम सस्पेक्ट था।
– उस वक्त पाकिस्तान ने अजहर के खिलाफ कार्रवाई करने और उसे भारत को सौंपने से इनकार कर दिया था।
– खुफिया एजेंसियां मानती हैं कि पाकिस्तानी मिलिट्री अजहर जैसे आतंकियों को कोल्ड स्टोरेज में रखती हैं, जो उन्हें भारत के खिलाफ लड़ाई में मदद करते हैं।
– रिहाई के बाद अजहर तालिबान की मदद से अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान पहुंचा। उसने कश्मीर में इंडियन फोर्स से लड़ने के लिए जैश-ए-मोहम्मद बनाया।
– यह भी आरोप लगता रहा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई जैश के आकाओं की मदद करती है।
– 2001 में पार्लियामेंट में हुए आतंकी हमले में अजहर प्राइम सस्पेक्ट था।
– उस वक्त पाकिस्तान ने अजहर के खिलाफ कार्रवाई करने और उसे भारत को सौंपने से इनकार कर दिया था।
– खुफिया एजेंसियां मानती हैं कि पाकिस्तानी मिलिट्री अजहर जैसे आतंकियों को कोल्ड स्टोरेज में रखती हैं, जो उन्हें भारत के खिलाफ लड़ाई में मदद करते हैं।
– वहीं, पाकिस्तानी मिलिट्री उन्हें कट्टरपंथी के रूप में पेश करती है, ताकि उन पर कार्रवाई न करनी पड़े।
Thank you for sharing this insightful article! I found the information really useful and thought-provoking. Your writing style is engaging, and it made the topic much easier to understand. Looking forward to reading more of your posts!
Thanks for reading my article.