मोदी सरकार का बड़ा फैसला; UPS को दी मंजूरी, बेसिक सैलरी का 50% मिलेगी पेंशन

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को मंजूरी दे दी। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन के रूप में बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत सुनिश्चित किया जाएगा। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना (NPS) के विकल्प के रूप में यूपीएस को लाया गया है। एकीकृत पेंशन योजना के लिए सरकार 18.5 प्रतिशत का योगदान करेगी। इसमें फैमिली पेंशन, गांरटी शुदा न्यूनतम पेंशन और रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त भुगतान के भी प्रावधान हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस योजना को लेकर बताया, ‘एनपीएस में सरकार अपनी ओर से 14 प्रतिशत अंशदान करती है, जिसे बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया गया है। कर्मचारियों को एनपीएस से यूपीएस से चुनने का विकल्प केवल एक बार के लिए होगा।’

अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को मंजूरी दी है। 50% सुनिश्चित पेंशन इस योजना का पहला मकसद है। दूसरा फोकस सुनिश्चित फैमिली पेंशन पर है। केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को इस एकीकृत पेंशन योजना से लाभ मिलने वाला है। खास बात यह है कि कर्मचारियों के लिए एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प होगा।’ उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना में कुछ बदलाव की मांग रखी थी। इसे लेकर पीएम मोदी ने कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में समिति का गठन किया। इस कमेटी ने विभिन्न संगठनों और लगभग सभी राज्यों के साथ 100 से अधिक बैठकें कीं।

भविष्य में लागू होगा UPS’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘पीएम मोदी और विपक्ष के काम करने के तरीके में अंतर है। विपक्ष के विपरीत, नरेंद्र मोदी बड़े पैमाने पर विचार-विमर्श में विश्वास रखते हैं। इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक और विश्व बैंक सहित सभी के साथ विस्तार चर्चा की गई। इसके बाद समिति ने एकीकृत पेंशन योजना की सिफारिश की है।’ उन्होंने कहा कि आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी दे दी है, जिसे भविष्य में लागू किया जाएगा।

NPS बन गया था चुनावी मुद्दा

गौरतलब है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस चुनावी मुद्दा बन गया था। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने पिछले कुछ चुनावों के दौरान इस योजना को खत्म कर पुरानी योजना लागू करने का वादा किया था। अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि एनपीएस और यूपीएस दोनों ही में कर्मचारियों का अंशदान शामिल होगा। यूपीएस में सरकारी कर्मचारियों को अपनी ओर से कोई अतिरिक्त अंशदान नहीं करना पड़ेगा। इसमें केवल सरकार का अंशदान बढ़ाया जा रहा है।

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